घायल लोकतंत्र

नागरिक कहीं खो गया है। मृत नवजातजलते मजदूरबेरोजगार युवकआत्महंता किसान इन सब के बीचनागरिक कहीं खो गया है यौन हिंसा की शिकार महिलाएंशोषित दलितबेघर, बेजुबान आदिवासीतड़ीपार मुसलमान इन सब के बीचनागरिक कहीं खो गया है रह गया है बसघायल लोकतंत्रअपमानित राष्ट्रऔर कुछ ख़ामोश लोग।